बैरगनिया के मजदूर की मौत महाराष्ट्र में हुई
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बैरगनिया प्रखंड क्षेत्र के पताही पंचायत के कुड़वा फतेहपुर गांव निवासी 57 वर्षीय एक मजदूर का शव मंगलवार को जब उसके घर पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया। और लोग कहने लगे आखिर कब तक बिहार के मजदूर रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों में जाते रहेंगे और वहां से उनका शव उनके घर आते रहेंगे। ज्ञातव्य हो कि प्रखंड क्षेत्र के कुड़वा फतेहपुर गांव के वार्ड नंबर 9 निवासी चंद्रदेव राम को 15 दिन पूर्व ही बैरगनिया मधु छपरा गांव निवासी रामा सहनी ने महाराष्ट्र में मछली मारने के काम हेतु दस हजार रूपए प्रति माह देने की बात कह कर चंद्रदेव राम को सोलापुर जिला महाराष्ट्र ले गया था ।
परंतु 19 नवंबर को 2:30 उनकी पत्नी चंदरी देवी को सूचना मिली कि उसके पति को बिजली का करंट लगने से मौत हो गई है। परंतु उनकी पत्नी चंदर देवी ने बताया है कि उसे आशंका है कि उसके पति की मौत किसी साजिश के तहत किया गया है। पत्नी ने थाने में आवेदन भी दिया है। परंतु घटनास्थल महाराष्ट्र होने के कारण स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है। मंगलवार की सुबह जब एंबुलेंस से चंद्रदेव राम का शव गांव पहूंचा तो देखने वाले का भीड़ लग गया। पूर्व पंचायत समिति सदस्य सुरेश लुईस ने बताया कि यह परिवार काफी करीब है। सुरेश लुईस मृतक के परिजनों को सरकारी सहायता प्रदान करने की मांग की है। काफी शोकाकुल माहौल में मृतक के शव का दाह संस्कार किया गया । मृतक अपने पीछे पत्नी सहित 4 पुत्र जिसमे दीपक राम 24 बर्ष,सुनील राम 22, रवि कुमार 12, शिवम कुमार 10, और चार पुत्रियां जिसमे तेतरी देवी विवाहित 26 बर्ष, कविता कुमारी 20 बर्ष, बबीता कुमारी 20 बर्ष, खुशबू कुमारी 15 बर्ष को छोड़ चले गये हैं। गांव में चारों तरफ सन्नाटा छा गया है कि अब उस गरीब परिवार का क्या होगा?
ऐसा नहीं है कि बिहार के बाहर कामगारों की मौत की यह पहली घटना है। दूसरे प्रदेशों में बिहारी मजदूरों की मौत की खबरें अक्सर आती हैं। इन मजदूरों की मौत की असली वजह बेरोजगारी और पलायन को भुला दिया जाता है। आखिर बिहार के कामगार रोजी-रोटी की खातिर परदेश में कब तक मरते रहेंगे?
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