रिपोर्ट: विश्वनाथ चौधरी
बैरगनिया(सीतामढ़ी) : सीतामढ़ी से बैरगनिया होते हुए ढाका व पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी जाने के लिए आजादी के 77 वर्ष बाद भी लालबकेया नदी पर सड़क पुल नहीं बनना इस क्षेत्र के लोगों के लिए दुर्भाग्य है। परंतु ऐसा लग रहा है कि यह समस्या बहुत जल्द ही अब दूर हो जाएगी। क्योंकि 143 करोड़ रुपए की लागत से लालबकेया नदी के फुलवरिया घाट पर निर्माणधीन सड़क पुल के अंतिम फेज का ढलाई कार्य अब पूरा हो चुका है। ज्ञातव्य हो कि सड़क पुल नहीं होने के कारण बैरगनिया एक टापू के समान चारों तरफ से घिरा हुआ था। बैरगनिया के पूर्व में बागमती, पश्चिम में लाल बकेया नदी, उत्तर में नेपाल व दक्षिण में दोनों नदियों का दोआव ही बैरगनिया का भौगोलिक स्थिति था। जिस कारण बैरगनिया एक टापू के समान था। इस समस्या को देखते हुए बैरगनिया नगर के भकुरहर गांव निवासी प्रखर स्वतंत्रता सेनानी बंसी शाह ने बीडीओ, डीएम, कमीशनर, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री से लेकर देश के राष्ट्रपति तक को पत्र लिखकर बागमती एवं लालबकेया नदी पर सड़क पुल निर्माण की मांग की। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा था कि बैरगनिया को सड़क मार्ग से जोड़ने हेतु 19 नवंबर 1997 तक अगर सड़क पुल निर्माण की ओर कदम नहीं उठाया गया, तो वे 20 नवंबर 1997 को बैरगनिया के सबसे व्यस्ततम पटेल चौक पर सरेआम आत्मदाह कर लेंगे। परंतु इस पत्र को लेकर किसी के भी कानों पर जू तक नहीं रेगा। थक-हार कर बंसी साह ने अपने दृढ़ संकल्प एवं घोषणा के अनुसार बैरगनिया के पटेल चौक पर दर्जनों प्रशासनिक लोग व हज़ारों आम जनता के समक्ष सरेआम अपने शरीर में आग लगाकर आत्मदाह कर ली। इस घटना के समय पुलिसिया फायरिंग में स्थानीय निवासी मुन्ना एवं बबलू की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। वहीं दर्जनों लोग घायल हो गए। पुलिस ने बंसी चाचा के आत्मदाह को हत्या करने की बात बताते हुए तत्कालीन पुल निर्माण संघर्ष समिति के संयोजक हम ब्रजमोहन कुमार, विकास जायसवाल, कृष्ण सिंह एवं बच्चा सिंह पर 302 तथा 13 लोगों को नामजद करते हुए उनपर 307 एवं सैकड़ो अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी शुरू कर दी थी। उक्त मामले में ब्रजमोहन कुमार, विकास जायसवाल, कृष्ण सिंह एवं बच्चा सिंह न्याय हिरासत में रहे। फिर बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहल पर मुकदमा को खत्म कराया गया। उस समय
गंभीर समस्या को देखते हुए शिवहर लोकसभा क्षेत्र के तात्कालिक सांसद आनंद मोहन ने लालबकेया नदी पर अपने सांसद कोटे से 30 लाख रुपए देकर पुल निर्माण कराने की घोषणा की थी, जो बाद में तत्कालीन सांसद अनवारूल हक ने लाल बकेया नदी पर स्क्रू पाईल सड़क पुल निर्माण कराया। परंतु जल्द ही वह पुल धवस्त हो गया। इधर नीतीश सरकार ने बैरगनिया को जिला मुख्यालय से जोड़ने हेतु 12 अगस्त 2007 को बागमती नदी पर सड़क पुल बनाने हेतु शिलान्यास किया, फिर बागमती नदी पर बनकर तैयार सड़क पुल 12 जुलाई 2010 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा उद्घाटन हुआ। इधर सीतामढ़ी जिले को पूर्वी चंपारण से आवागमन हेतु वर्ष 2013 में फुलवरिया घाट पर सड़क पुल निर्माण हेतु तात्कालिक सांसद रमा देवी, वर्तमान रीगा विधायक मोतीलाल प्रसाद एवं ढ़ाका विधायक पवन जायसवाल ने भूमि पूजन किया। परंतु यह सड़क पुल अधर में लटक गया। फिर 17 जनवरी 2022 को वहीं उक्त तीनों जनप्रतिनिधियों ने दोबारा भूमि पूजन किया। और आज यह सड़क पुल निर्माण अंतिम फेज में चल रहा है। अब सिर्फ पहुंच पथ निर्माण की आवश्यकता है। जो कार्य प्रगति पर है।
# रीगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोतीलाल प्रसाद ने बताया कि काफी लंबे समय के बाद फुलवरिया घाट पर सड़क पुल निर्माण का कार्य पूरा होने को है। बहुत जल्द ही यह सड़क पुल आवागमन एवं जन सेवा के लिए जनता को सौंप दिया जाएगा। इस बार बरसात में लोगों को आवागमन के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। क्योंकि बरसात पूर्व ही सड़क पुल का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
# ढाका विधानसभा क्षेत्र के विधायक पवन जायसवाल ने बताया कि 30 जून तक आम जनता को आवागमन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था कर दी जाएगी इस बार किसी भी परिस्थिति में लोगों को नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।